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किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
Glory to Girija’s consort Shiva, that's compassionate into the destitute, who always protects the saintly, the moon on whose forehead sheds its lovely lustre, As well as in whose ears are definitely the pendants of the cobra hood.
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
O Superb Lord, consort of Parvati You might be most merciful. You usually bless the weak and pious devotees. Your beautiful type is adorned With all the moon on Shiv chaisa your own forehead and on the ears are earrings of snakes’ Hood.
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
कभी-कभी shiv chalisa lyricsl भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी